Parad Shivling is made from mercury with other metal substances to hold the soft mercury together. This beautiful divinity of Lord Shiva brings success in every corner of the house and promotes love, affection and longevity in family.
सिंदूर का उपयोग पूजा में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका देवी माँ दुर्गा और माँ पार्वती से गहरा संबंध है। यह माना जाता है कि सिंदूर लगाने से इन देवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
The stone is considered the protective stone and has the power to focus the mind, assisting us to resolve problems, promoting mental clarity, and unclouded by emotions. Tiger Eye Mala is best known for healing psychosomatic illnesses, anxiety, and dispelling fear.
SIZE - 6MM
It helps to remove all kind of kundali doshas by wearing it on regular basis. If women or girls are facing marriage problems because of doshas, it helps to slow down the effects of doshas. It also gives protection from evil eye, bad eye, negative energy and black magical negative effects.
सुगंध और वातावरण शुद्धिकरण: जलाने पर अष्टगंध सुगंधित धुआं देता है, जो पूजा स्थल के वातावरण को सुखद और शुद्ध बनाता है. माना जाता है कि यह वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है सुगंध और वातावरण शुद्धिकरण: जलाने पर अष्टगंध सुगंधित धुआं देता है, जो पूजा स्थल के वातावरण को सुखद और शुद्ध बनाता है. माना जाता है कि यह वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, गोबर के कंडे जलाने पर इससे निकलने वाला धुंआ घर और आसपास के लिए बहुत शुद्ध होता है. गोबर के कंडे से निकलने वाले धुएं को घर के कोने-कोने में दिखाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. पूजा-पाठ या हवन आदि के दौरान गोबर के कंडे जलाने से घर पवित्र होता है और पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है
माना जाता है कि कपूर जलाने से पूजा का वातावरण शुद्ध होता है और आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. इसकी सुगंध से मन को शांति मिलती है और पूजा में एकाग्रता बढ़ती है
काली तिल का पूजा में उपयोग विभिन्न धार्मिक और तांत्रिक अनुष्ठानों में किया जाता है। यह पूजा भगवान शनि और भैरव को समर्पित होती है, जिन्हें काली तिल की माला, अर्चना, और दान करके प्रसन्न किया जाता है।
गुलाब जल (Gulab Jal) का इस्तेमाल हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में सीधे तौर पर प्रसाद या तिलक के रूप में तो नहीं किया जाता, लेकिन इसकी खुशबू और पवित्रता के कारण इसका परोक्ष रूप से पूजा में उपयोग किया जाता है।
Gopichandan (गोपीचंदन) एक पवित्र पदार्थ है जिसका उपयोग हिंदू धर्म में पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है। यह वृंदावन और द्वारका की पवित्र भूमि से प्राप्त मिट्टी से बना होता है।