पूजा में बुक्का (अभ्रक बुक्का) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे अबीर के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में पूजा के दौरान शुभ माना जाता है। यहां इसके कुछ कारण बताए गए हैं
भगवान शिव का प्रतीक: भस्म को भगवान शिव का प्रसाद माना जाता है। शिवपुराण के अनुसार, दहन के बाद जो भस्म बचती है, उसे भगवान शिव अपने शरीर पर लगाते हैं। इस वजह से, भस्म को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है और उनकी पूजा में चढ़ाया जाता है।
रुद्राक्ष माला का प्रमुख उपयोग जप में होता है। शिव मंत्रों के जप के दौरान इस माला का उपयोग किया जाता है। रुद्राक्ष माला के 108 मालाओं का प्रत्येक माला जप के लिए प्रयोग किया जाता है, जिससे ध्यान और मंत्र जाप की गहराई में प्रवेश किया जा सकता है।
लाल चंदन (Lal Chandan) का इस्तेमाल सफेद चंदन (Safed Chandan) के मुकाबले हिंदू पूजा-पाठ में कम किया जाता है, लेकिन फिर भी इसके कुछ खास महत्व हैं। आइए जानते हैं लाल चंदन का पूजा में कैसे उपयोग किया जाता है: विशेष पूजा (Specific Pujas): लाल चंदन का इस्तेमाल कुछ खास पूजाओं में किया जाता है, खासतौर पर देवी मां की पूजा में। उदाहरण के लिए, मां दुर्गा और मां काली की पूजा में लाल चंदन का तिलक लगाया जा सकता है।
देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए लोहबान जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं।
नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के लिए लोहबान के धुएं से घर से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माएं दूर होती हैं।
लौंग को देवी-देवताओं की पूजा में उपयोग किया जाता है। इसे देवी-देवताओं की मूर्तियों के आसपास रखा जाता है या फिर पूजा में बिल्वपत्र और सुपारी के साथ दीया जाता है। विशेष पूजाओं में, जैसे नवरात्रि और दीपावली, लौंग का उपयोग अद्वितीय महत्व रखता है। यह पूजाओं की शुभता और महत्वपूर्णता को बढ़ाता है।
हिंदू धर्म में पूजा-अर्चना में सफेद चंदन (White Sandalwood) का विशेष महत्व होता है। इसे सबसे शुभ चंदन माना जाता है और इसका उपयोग विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।
सुपारी की कठोरता को शक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक माना जाता है। एक साल में पकने की प्रक्रिया से यह माना जाता है कि सुपारी तीनों मौसमों का सार अवशोषित कर लेती है। इसके शंकु के आकार को सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने वाला माना जाता है।
पवित्रता का प्रतीक: हल्दी को शुभ और पवित्र माना जाता है। इसका उज्ज्वल पीला रंग सकारात्मक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, और माना जाता है कि यह पूजा के माहौल को शुद्ध करता है।