सिंदूर का उपयोग पूजा में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका देवी माँ दुर्गा और माँ पार्वती से गहरा संबंध है। यह माना जाता है कि सिंदूर लगाने से इन देवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
काली तिल का पूजा में उपयोग विभिन्न धार्मिक और तांत्रिक अनुष्ठानों में किया जाता है। यह पूजा भगवान शनि और भैरव को समर्पित होती है, जिन्हें काली तिल की माला, अर्चना, और दान करके प्रसन्न किया जाता है।
लौंग को देवी-देवताओं की पूजा में उपयोग किया जाता है। इसे देवी-देवताओं की मूर्तियों के आसपास रखा जाता है या फिर पूजा में बिल्वपत्र और सुपारी के साथ दीया जाता है। विशेष पूजाओं में, जैसे नवरात्रि और दीपावली, लौंग का उपयोग अद्वितीय महत्व रखता है। यह पूजाओं की शुभता और महत्वपूर्णता को बढ़ाता है।
सुपारी की कठोरता को शक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक माना जाता है। एक साल में पकने की प्रक्रिया से यह माना जाता है कि सुपारी तीनों मौसमों का सार अवशोषित कर लेती है। इसके शंकु के आकार को सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने वाला माना जाता है।
पवित्रता का प्रतीक: हल्दी को शुभ और पवित्र माना जाता है। इसका उज्ज्वल पीला रंग सकारात्मक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, और माना जाता है कि यह पूजा के माहौल को शुद्ध करता है।