पूजा में घी की बत्ती का उपयोग धार्मिक और आध्यात्मिक महत्वपूर्ण होता है, खासकर हिन्दू धर्म में। यहां कुछ मुख्य उपयोग बताए जा रहे हैं:
- दीपाराधना (आरती): पूजा के दौरान घी की बत्ती को आरती के लिए उपयोग किया जाता है। इसे दीपाराधना कहा जाता है और इसके द्वारा देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। घी की बत्ती जलाने से आसपास की वातावरण में पवित्रता और शुभता का आनंद मिलता है।
- हवन: हवन यज्ञ में भी घी की बत्ती का प्रयोग किया जाता है। यहां घी को यज्ञकुंड में डाला जाता है और उसमें धूप, और दर्भा के साथ मिलाकर अग्नि में जलाया जाता है। यह यज्ञ के रूप में भगवान की पूजा और अनुष्ठान का हिस्सा होता है।
- प्रार्थना में: कई लोग प्रार्थना के दौरान घी की बत्ती को जलाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए देवी-देवताओं की आशीर्वाद मांगना होता है।
- धार्मिक उपयोग: घी की बत्ती को धार्मिक अद्वितीयता और प्रतीति के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। यह आध्यात्मिकता और धार्मिक संवेदनशीलता का प्रतीक माना जाता है।
इन सभी प्रयोगों से स्पष्ट होता है कि घी की बत्ती को पूजा में आध्यात्मिक और धार्मिक उद्देश्यों के लिए विशेष महत्व दिया जाता है। यह पूजा की शुभता को बढ़ाने में मदद करता है और अच्छी संतान और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करते समय उपयुक्त होता है।
“घी की बत्ती (Ghee Ki Batti)” translates to “Ghee Lamp” in English. In Hindu rituals and ceremonies, the use of ghee lamps holds significant cultural and spiritual importance. These lamps are typically made by placing cotton wicks in containers filled with clarified butter, which is known as ghee.





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