काली तिल का पूजा में उपयोग विभिन्न धार्मिक और तांत्रिक अनुष्ठानों में किया जाता है। यह पूजा भगवान शनि और भैरव को समर्पित होती है, जिन्हें काली तिल की माला, अर्चना, और दान करके प्रसन्न किया जाता है। यहां कुछ मुख्य उपयोग बताए जा सकते हैं:
- शनि दोष निवारण: कई लोग शनि दोष को दूर करने के लिए काली तिल का प्रयोग करते हैं। इसमें शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए तिल के दान या पूजा की जाती है।
- भैरव पूजा: भैरव बाबा की पूजा में भी काली तिल का उपयोग किया जाता है। भैरव बाबा के लिए तिल की माला बनाना और उसे चढ़ाना भी लोकप्रिय रीति है।
- दीपदान: तिल के तेल का दीपन करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद मिलती है। विशेषकर शनिवार को इसे करने का विशेष महत्व होता है।
- नाश्ते में शामिल करना: कुछ लोग नाश्ते में तिल का उपयोग करते हैं, विशेषकर शनिवार को, जैसे कि तिल के लड्डू या तिल का लड्डू। इसे शनि की कृपा को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
काली तिल का पूजन धार्मिक और तांत्रिक परंपराओं में महत्वपूर्ण है और इसे विशेष शनिवार को करने का अच्छा समय माना जाता है।
In Hindu rituals and puja ceremonies, काली तिल (black sesame seeds) holds symbolic significance. It is often used as an offering in various religious practices. Black sesame seeds are associated with the goddess Kali, a powerful and fierce deity in Hinduism.
The use of काली तिल in puja is symbolic of purity, auspiciousness, and devotion. Devotees believe that offering black sesame seeds to the deity during worship brings blessings and removes obstacles. The dark color of the sesame seeds is also associated with the transformative and protective qualities of Goddess Kali.





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